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Showing posts from November, 2017

आयुर्वेद के अनुसार उपचार (Line of Treatment According To Ayurveda)

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आयुर्वेदिक दृष्टि के अनुसार हर व्यक्ति और स्थिति के अनुसार ही व्यक्ति के रोग का निदान करना चाहिए. इसके साथ ही साथ ऋतु, काल और प्रदेश के अनुसार ही चिकित्सा को करना चाहिए. हर व्यक्ति की संरचना उसमें प्रस्तुत विकृति या दोष पर निर्भर करती है. इस अप्रतिम संरचना का जब भी असंतुलन होता है तब व्यक्ति के शरीर में रोग निर्मित होता है. आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों को समझकर हम इन रोगों को प्रारंभिक अवस्था में ही पकड़ सकते हैं तथा कुछ सरल उपायों द्वारा ही पुनः स्वस्थ को प्राप्त कर सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार जीवनचर्या को निर्मित कर हम रोगी होने की स्थिति से सर्वथा मुक्त रहते हैं. हम अपने संतुलित और स्वस्थ अवस्था को समझकर अपने शरीर की मूल प्रकृति को जान सकते हैं. यदि शरीर में रोग की अवस्था आ चुकी है फिर चाहे वह मध्यम अथवा तीव्र हो, उसे आयुर्वेदीय उपचार द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है. इसके साथ-साथ दैनिक जीवन को प्रकृति के साथ तालमेल बनाए रखने से स्वस्थ और रोग-मुक्त रहा जा सकता है. आयुर्वेदीय उपचार में तीनों दोषों की संतुलन हेतु विभिन्न प्रणालियों द्वारा शरीर में तंदुरुस्ती लाई जाती है. शार...

आयुर्वेद का इतिहास एवं मूलभूत सिद्धांत

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आयुर्वेद का इतिहास एवं मूलभूत सिद्धांत (Ayurveda:  History and Basic Principles) आयुर्वेद प्राचीन भारत में चिकित्सा की प्रयोग की जाने वाली पद्धति है जिसमें रोग का निवारण जड़ से किया जाता है. इस विद्या का प्रयोग भारत के ऋषि-मुनि एवं ज्ञानियों द्वारा 2000 से 5000 वर्ष पूर्व किया जाता था. यह चिकित्सा प्रणाली वास्तव में modern medicine से ग़ूढ और अधिक प्रभावशाली है क्योंकि इसमे रोग के वास्तविक कारण का निवारण किया जाता है. शरीर में स्वास्थ का निर्माण कर यह चिकित्सा प्रणाली अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न अनेक रोगों को सफलता पूर्वक निवृत्त करती है. आयुर्वेद के अनुसार मन और शरीर दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. मन में उत्पन्न दोषों से ही शरीर में व्याधि प्रगट होती है तथा शारीरिक रोगों के निवारण के लिए मानसिक स्वास्थ का विशेष महत्व आयुर्वेद में निर्धारित है. प्राचीन काल में आयुर्वेद का विज्ञान मौखिक रूप से ही गुरु द्वारा शिष्य को दिया जाता था . ऋग्वेद में आयुर्वेद संबंधित चिकित्सा वर्णन सबसे पहले देखने को मिलता है. परंतु मूलतः आयुर्वेद अथर्ववेद का अंग ह...